अंतरिक्ष युद्धम 5
सुबह होने वाली थी। हल्का का सूरज भी आसमान में दिख गया था। इसरो के पिछले कुछ दिन बेहतरीन बीते। पर आज का दिन अलग था। सुबह होने से पहले ही इसरो में चारों तरफ हड़कंप मचा हुआ था। आपातकालीन अलार्म लाल रंग की रोशनी के साथ जोर जोर से बज रहे थे। इन अलार्म की वजह से मिशा की भी नींद समय से पहले खुल गई थी। रावत अपनी तमाम स्टाफ मैनेजमेंट को दिशा निर्देश देते हुए हॉल में इकट्ठा होने के लिए कह रहा था। हॉल में भी एक अलग ही माहौल था। एक बड़ी सी स्क्रीन पर 15 से 20 इसरो के मैनेजमेंट टीम के सदस्य नजर रख रहे थे। सभी सदस्य अलग अलग अपने केबिन में ठीक कंप्यूटर डेस्कटॉप के सामने बैठे थे। इसरो के सीईओ इस वक्त यहां नहीं थे जिस वजह से मौजूदा हालातों की तमाम जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ रामनाथ पर थी। वह यहां के इंचार्ज चीफ थे। स्क्रीन के ठीक आगे खड़े रामनाथ अपने सामने के सदस्यों को कुछ आर्डर दे रहे थे। "जल्दी चेक करो!! जल्दी पता करो!! आखिर यह आफत है क्या!! कम ऑन हरीअप" 55 साल के रामनाथ का जोश देखते ही बनता था। वह जिस तरह से अपने लोगों को काम करने के लिए कह रहे थे, उसे देख कर लग रहा था जैसे उन्होंने मिलिट्री में इस चीज की ट्रेनिंग ले रखी है। हालांकि इतिहास में उनका मिलिट्री से कोई लेना-देना नहीं, वह आईआईटी मुंबई में फिजिक्स के एक प्रोफेसर थे जो अपने टैलेंट और कठिन परिश्रम से इसरो के एग्जाम में क्वालीफाई होने के बाद इस पद तक पहुंचे। इसरो में अपनी टीम में आत्मविश्वास जगाने और उन्हें काम करने के लिए प्रेरित करने की खासियत उन्हें सबसे अलग बनाती थी।
"सर हम चेक कर रहे हैं!! सर हम लगातार ध्यान बनाए रखे हैं!!" जिस तरह के आर्डर रामनाथ ने दिए थे उसी तरह के जवाब उन्हें सामने से मिले।
जल्दी मिस्टर रावत भी वहां आ गए "क्या हुआ?? सब सही तो है ना। चारों ओर बज रहा आपातकालीन सिग्नल कौन सी परेशानी की वजह से इतना चिल्ला रहा है" आते ही उनके मुंह से बस यही सवाल निकला। जवाब के इंतजार में वह रामनाथ के बिल्कुल करीब आकर खड़े हुए थे।
रामनाथ स्क्रीन की तरफ घुमे। स्क्रीन में अंधेरे अंतरिक्ष का एक दृश्य उभर कर आ रहा था। उन्होंने उंगली का इशारा करते हुए कहा "पता नहीं, परेशानी क्या है। लेकिन अभी अभी नए सैटलाइट सिगनल आए हैं, हमारी तरफ किसी तरह का उल्कापिंड बढ़ रहा है।"
"उल्का पिंड!!" उल्का पिंड का नाम सुनते ही मिस्टर रावत की भोहें तन गई "यह कैसे हो सकता है, अब तक की जानकारी में ऐसे किसी भी उल्का पिंड का जिक्र नहीं जो पृथ्वी के आसपास हो, फिर यह अचानक से कैसे और नासा ने हमें इसके बारे में कोई सूचना क्यों नहीं दी" उन्होंने एक के बाद एक कई सारे सवाल खड़े कर दिए। जबकि खुद रामनाथ को भी इन सवालों का जवाब नहीं पता था, वह तो खुद अभी अभी यहां आए थे।
"यह एकदम से हुआ है, इसीलिए इसकी सूचना नहीं मिली। अगर हमें अभी सूचना मिली है तो नासा को भी इसकी जानकारी अभी-अभी हुई होगी। जल्द ही उनका कोई ना कोई मैसेज आ जाएगा" तमाम सवालों का जवाब देते हुए वह वापस स्क्रीन पर देखने लगे। जैसे ही सिग्नल मिले थे उसके बाद सेटेलाइट के इमेज लेंस को घुमा कर उस दिशा में कर दिया गया था जहां से उल्कापिंड आने के संकेत आ रहे थे। अभी तक ऐसा कुछ दिखा नहीं जिससे इस बात के पुख्ता परिणाम मिले की उल्का पिंड सच में धरती की ओर आ रहा है, लेकिन सिग्नल को किसी भी तरह से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता था।
इसरो में सुबह सुबह होने वाला यह शोरगुल इतना अधिक था की जिज्ञासावश मिशा भी खुद को वहां आने से नहीं रोक सकी। वह नाइट सूट में ही वहां दौड़ी आ चली और आते ही मिस्टर रावत से वही सवाल किए जो कुछ देर पहले उन्होंने रामनाथ से किए थे। मिस्टर रावत ने एक ही सासं में बिना रुके मिशा को वह सब बता दिया जो वह जानते थे। सब कुछ जानने के बाद मिशा की आंखें बंद नहीं हो रही थी। वह भी इस बात की कल्पना नहीं कर सकती कि कोई उल्कापिंड अचानक से नजर आएगा। "अब आगे क्या??" मिशा ने मिस्टर रावत से पूछा, इन हालातों में यह सवाल हर किसी के मन में आता है। जब खतरे का अंदेशा मिल चुका है तो आगे क्या...??
मिस्टर रावत ने गहरी सांस ली "मैंने प्रधानमंत्री कार्यालय इस बात की सूचना भेज दी है, जल्द ही वह हमारे साथ लाइव होंगे। नासा से भी संपर्क किया जा रहा, वहां से सूचना मिलने के बाद हम अगले कदम की तैयारी करेंगे। इस बात की भी जांच करने की कोशिश की जा रही हैं जो सिग्नल मिल रहे हैं वह किसी तरह की सेटेलाइट में आई गड़बड़ तो नहीं। इसरो और नासा पिछले कई सालों से लगातार हमारे सौरमंडल में घूम रहे उल्का पिंड पर नजर रख रही हैं, अभी तक ऐसा कोई भी उल्कापिंड मार्क नहीं हुआ था जिसे धरती या उसके आसपास के किसी ग्रह पर खतरा आए, यह सब अचानक से हुआ है "
"लेकिन हालात अगर ऐसे ही तो हमें इससे निपटने की भी तैयारी करनी होगी??" मिशा का जासूसी अनुभव यही कह रहा था अगर आप पर कोई खतरा आए तो उसे निपटने की तैयारी करो, इसी के तहत उसने अपने यही विचार मिस्टर रावत के समक्ष रखें।
मिस्टर रावत ने सोचने वाली मुद्रा बनाई और जवाब दिया "हां, इस तरह के खतरों को संभाला जा सकता है, लेकिन सही जानकारी होना आवश्यक है" फिर वह रामनाथ की तरफ घूमें "एक बार अगर आपको प्रॉपर जानकारी मिल जाती है तो तुरंत लोकेशन को लॉक कर ले, अगर वह उल्का पिंड धरती के ज्यादा नजदीक हुआ तो हम लोग सरकार से इजाजत लेकर मिसाइलों से हमला करवा सकते हैं"
"तुम सही कह रहे हो, इस तरह के खतरों से अगर लड़ना है तो मिसाइल लॉन्चिंग करनी पड़ेगी।" रामनाथ ने जवाब दिया और फिर से अपने सामने के सदस्यों को आदेश देने लगे। "मुझे सारे के सारे इमेज क्लियर चाहिए, पता करो सच में उल्कापिंड है या नहीं, अगर उल्कापिंड है तो उसकी लोकेशन लोक करो। धरती से उस की दूरी किलोमीटर में, और उसका यहां आने का का समय सेकंड में बताओ।
***
UFO
जल्द ही नासा और पीएमओ से सूचना मिल गई। नासा से प्राप्त सूचना में पता चला कि उन्हें ऐसे किसी भी तरह के सिग्नल नहीं मिले जो उल्कापिंड होने की संभावना को व्यक्त करें। वही पीएमओ ने साफ साफ शब्दों में कह दिया अगर किसी भी तरह का खतरा होता है तो वह हाई अलर्ट सिस्टम को चालू कर दे। हाई अलर्ट सिस्टम चालू करने का मतलब जो बन पाए वह करो। इसरो के सीईओ से भी जल्द ही संपर्क स्थापित कर लिया गया और उन्हें भी ऑफिस आने को कहा गया। अब तक जितने भी आंकड़े मिले थे वह सिर्फ और सिर्फ यही बता रहे थे कि कुछ तो है जो धरती की तरफ बढ़ रहा है। स्पीड और दूसरे आंकड़े भी जल्द ही आने वाले थे। रामनाथ ने सभी लोगों को उस अनजान चीज को ट्रैक करने के लिए कह दिया था।
15 मिनट तक कंप्यूटर पर उंगलियां दौड़ाने के बाद एक सदस्य ने रिपोर्ट दी। "सर यह जो भी चीज है इसकी स्पीड काफी ज्यादा है, किसी उल्का पिंड की स्पीड इतनी अधिक नहीं हो सकती"
"तुम कहना क्या चाहते हो" रामनाथ के चेहरे पर अलग ही तरह की लकीरें उभर आई।
"यह किसी तरह का यूएफओ हो सकता है, मतलब कोई स्पेसशिप या कुछ और.."
"स्पेसशिप!! तुम्हारा दिमाग तो सही है..!! अभी तक वैज्ञानिकों ने ऐसी किसी भी एलियन सभ्यता होने की पुष्टि नहीं की जिसका अपना वर्चस्व हो, और तुम सीधे ही स्पेसशिप के यहां धरती पर आने की बात कह रहे हो"
"पर सर आंकड़े हमें यही बता रहे हैं, वैसे भी वैज्ञानिकों ने यह भी नहीं कहा एलियन नहीं हो सकते, उन्होंने संभावना व्यक्त की है कि हमारे आस पास के सोलर सिस्टम में एलियन की हमसे भी ज्यादा तकनीक रखने वाली सभ्यताएं पाई जा सकती है। हो सकता है यह उन्हीं सभ्यताओं में से कोई एक सभ्यता हो और हम से संपर्क करने की कोशिश कर रही हो"
"तुम्हारी बातों का कोई पुख्ता आधार है??" इन सभी बातों के बीच रामनाथ ने एक सवाल खड़ा कर दिया।
सदस्य फाइलों की तरफ देखने लगा। "हां सर, थर्मल इमेजिंग से पता चला है कि हमारी ओर आने वाली चीज का आकार समुद्र में तैरने वाले जहाज जितना बड़ा है, डॉपलर इफेक्ट बता रहा है कि वह किसी धातु से बनी हुई है और रडार सिग्नल से जानकारी मिली है उसकी स्पीड 0.3 सी के आसपास है। हमारी धरती पर कोई भी ऐसी चीज नहीं जो इतने बड़े आकार के साथ धरती के आसपास घूम रही है, यह ना तो सेटेलाइट है ना ही उल्कापिंड और ना ही कोई स्पेसक्राफ्ट... मतलब साफ है यह एक एलियनशिप है"
"मुझे तो अभी भी तुम्हारी बातों पर यकीन नहीं हो रहा, एक एलियन शिप कैसे धरती की ओर आ सकती है, माना कि पिछले कुछ समय तक हम लोगों ने उनसे संपर्क बनाने की कोशिश की लेकिन जब सफलता नहीं मिली तो वह सब प्रोजेक्ट बंद कर दिए गए, हमारे सबसे नजदीकी स्टार प्रॉक्सिमा पर एलियन होने की संभावना थी, पर उसके भी आंकड़े नहीं। फिर यह एलियन सभ्यता, बात हजम नहीं हो रही" रामनाथ माथा पकड़कर पास की कुर्सी पर ही बैठ गया।
"सर इस पर यकीन करना या ना करना मायने नहीं रखता, लेकिन अब यही स्पष्ट हो रहा है कि हम लोग एक एलियन सभ्यता से पंगा लेने वाले हैं"
"मुझे पीएम से बात करनी है, जल्द ही उनसे संपर्क करवाओ"
रामनाथ ने अभी इतना ही कहा था कि दूसरा सदस्य भागता हुआ उनके पास आया और बोला "सर पीएम लाइन पर है" इतना कहकर उसने एक स्क्रीन रामनाथ की तरफ कर दी।
"हेलो सर, मैं रामनाथ इंचार्ज चीफ ऑफ़ इसरो, हमें अभी-अभी कुछ जानकारी मिली है" रामनाथ के शब्दों में अजीब तरह की कपंकंपाहट थी"समझ में नहीं आ रहा आप इन सब बातों पर यकीन करोगे या नहीं, पर हमारे शुरुआती आंकड़े हमें यही बता रहे। हमें धरती की और एक एलियन शिप आने के संकेत मिल रहे हैं, उसका आकार एक समुद्री जहाज जितना बड़ा है और स्पीड 0.3 सी है। इतनी स्पीड से उसे धरती पर आने में ज्यादा समय नहीं लगेगा, मुझे नहीं पता यह सच है या नहीं पर मशीनें सिर्फ यही बता रही है"
सामने काफी देर तक सन्नाटा छाया रहा, फिर एक हल्की सी प्रभावी आवाज आई"एलियन सभ्यता!! इन्हें तो हम अब तक सिर्फ किताबों में पढ़ते आ रहे थे, फिर अचानक कैसे। और अगर वह आ रहे हैं तो उनके इरादे क्या है, क्या उनसे पृथ्वी को किसी तरह का नुकसान है"
"अभी उनसे संपर्क नहीं हो पाया है, मैं जल्द ही कुछ लोगों को उनसे संपर्क करने पर लगा देता हूं जैसे ही मुझे इसकी जानकारी मिलेगी मैं आपको बता दूंगा।" फिर वह कुछ देर रुके और बोले "सर में चाहता हूं कि सुरक्षा के तौर पर इंडियन एयरलाइंस को सूचित कर दें, इस बात के आदेश भी दे दे कि आसमान पर निगरानी बनाए रखें। अगर हालात बेकाबू होते हैं तो हो सकता है हमें हमला भी करना पड़े"
"ठीक है, तुम लगातार अपडेट देते रहो, मैं तुम्हारा संपर्क जल्दी इंडियन एयरलाइन से करवाता हूं, एयरफोर्स तुम्हारी हर कदम पर मदद करेगी" इतना कहने के बाद पीएम से हुआ कनेक्शन कट गया। रामनाथ के चेहरे पर आई लकीरें अब और गहरी होने लगी थी।
***
7:15 होते होते इंडियन एयरलाइंस के 16 फाइटर विमान आसमान की निगरानी करने लगे। टारगेट जॉन में मुख्य तौर पर गोवा और उसके आसपास का क्षेत्र रखा गया था। सैटेलाइट सिग्नल से यही जानकारी मिल रही थी कि जो भी चीज धरती की तरफ आ रही है उसका सेंटर गोवा ही बन रहा है। कमांडो को हर टाइम निर्देश दिए जा रहे थे कि उन्हें जहाजों को कौनसे कोऑर्डिनेट सिस्टम की ओर ले कर जाना है। अंतरिक्ष में धरती की ओर घूमने वाले सेटेलाइट की दिशा भी बदल कर अज्ञात चीज की तरफ की जा रही थी। नासा से संपर्क हो गया था इसके बाद उन्होंने अपना हर्बल टेलीस्कोप काम पर लगा दिया। हर्बल टेलीस्कोप से स्कैन होने वाली चीजों की गुणवत्ता अपेक्षाकृत अत्यधिक थी, इसलिए उससे जो भी आंकड़े मिलेंगे उन पर विश्वसनीयता से काम किया जा सकता है। बेंगलुरु में भी कुछ चौपर इसरो के सेंटर पर पहुंच गए। वहां मिस्टर रावत और उसके साथ के कुछ सदस्य गोवा जाने की तैयारी कर रहे थे। मिस्टर रावत चौपर में बैठे थे। मिशा भी दौड़ते हुए वहां आ पहुंची।
"सर!! मैं भी आपके साथ जाऊंगी!!" उसके बाल हवा में लहरा रहे थे।
"लेकिन तुम वहां क्या करोगी??"
"आपकी मदद" मिशा ने कहा और जबरदस्ती चौपर में बैठ गई।
Fiza Tanvi
20-Nov-2021 01:04 PM
Good
Reply
Angela
01-Sep-2021 09:52 AM
Great!
Reply
Miss Lipsa
30-Aug-2021 08:45 AM
Uff...Nice
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